Monday, 21 June 2021

पुलिस ने जबरन लिखवाया प्राथमिकी के लिए आवेदन हम बोले लिख नहीं सकते, आप लिख दीजिए, परन्तु नहीं लिखा |


                                                                      मनोज कुमार 

मै मनोज कुमार उम्र 45 वर्ष पिता मेघलाल साव ग्राम भीमेडीह पोस्ट नवलशाही थाना नवलशाही जिला कोडरमा झारखण्ड का मूल निवासी हूँ | मेरे परिवार में मेरी पत्नी के साथ दो बच्चे और मेरे माता-पिता रहते है | हम ड्राइवर है, गाडी चलने का काम करते है |

 

मेरा घर परिवार खुशाल था हम चन्द रुपया ही कमाते थे जिससे घर परिवार का जीविका चल सके और अच्छे से रह रहे थे मेरे बच्चे गाँव के ही सरकारी स्कुल में पढाई करते है |

 

मेरे साथ अचानक से एक हादसा हो गया जिसका हमें तनिक भी एहसास नहीं था, की हमारे साथ ऐसा भी कुछ होगा ? मेरे घर के बगल में रहने वाले बालो साव और टेकलाल साव जो दोनों मेरे पडोसी है इन दोनों के साथ मेरा अच्छा रिश्ता था हमलोग एक थाली में खाने वाले थे परन्तु इस परिवार के साथ मेरा विवाद तब बढ़ गया जब वह घर बनाने लगा तो वह जबरन मेरे जमीन पर घर बना रहा था हम उसे मना किये बोले आप अमीन ला कर नापी करवा लीजिये जिसको ले कर हम 28 मई 2021 को नवलशाही थाना में आवेद दिए थे, और थाना वाला आ कर मना कर के गया था, परन्तु वो दोनों भाई जबरन बनाने लगे जिसे ले कर 29 मई 2021 के शाम को मेरे पिता जी उनलोगों को काम करने के लिए मना किये परन्तु वो लोग नहीं माने और गाली गलौज पर उतर आये और ईटा पत्थर चलाने लगे जिसके बाद हमलोग 29 के शाम को थाना जा कर इसकी सुचना दिए और पूरा धटना बताये, थाना वाले बोले सुबह में आ कर रुकवा देंगे | उसके बाद मेरे पिता जी साथ ही आये अन्य लोग थाना से घर चले आये 30 मई सुबह को हम घर आये जिसके बाद हम 30 मई 2021 को ही उसको पूछने गए की आप मेरे घर में गाली गलौज क्यों किया ? आपने अमीन ला कर नापी करवाने की बात की थी तो आपने क्यों नहीं किया? इतना पूछ ताछ करते ही थे की तभी महेंद्र साव टांगी से मेरे सर पर वार कर दिया हम तुरंत वही गिर गए तभी मेरी पत्नी यह देख कर चिल्लाते हुए वहा गई तो मेरी पत्नी को डालो साव रॉड से मार दिया वह भी घायल हो गर जमीन पर गिर गई, जिसके बाद मेरे पिता जी देख कर चिल्ला कर दौड़े तो उसे भी नारायण साव मार कर घायल कर दिया, मेरी बहन को भी उनलोगों ने टांगी से मार कर घायल कर दिया, जिसके बाद मेरे भांजे को मार कर उसके दाहिने हाथ का ऊँगली तोड़ दिया जिसके बाद हमें होश आया मेरे भगिना हमें और मेरी पत्नी को उठा मोटरसाइकिल से ले कर थाना ले कर आया वहा पुलिस हमें देखते ही बोला की आपको हॉस्पिटल जाना चाहिए था यहाँ क्यों आ गया, हम बोले सर जिस समय ईटा पत्थर चल रहा था उस समय हम आपको बताये तो आप नहीं आये अब ये हाल हो गया मेरा घर वाला भी आपके दरवाजे पर आया परन्तु आप नहीं सुने, हर पल का रिपोर्ट आपको दे रहे थे परन्तु आपने कोई एक्शन नहीं लिया, जिसके बाद पुलिस अपने गाडी से ले कर हमें और मेरी पत्नी को रेफरल अस्पताल डोमचांच लाया जहा पर प्राथमिक उपचार में मेरे सर पर 11 टाका लगा मेरी पत्नी को 22 टाके लगे जिसके बाद हमें और मेरी पत्नी को सदर कोडरमा भेज दिया गया, मेरे पिता जी और माँ वही पड़े रहे, उन्हें वहा से एम्बुलेंस से कोडरमा सदर ले जाया गया, वहा हमें भर्ती नहीं लिया, जिसके बाद हम पूरा परिवार पुलिस अधीक्षक के पास गए वहा पर बताये तब इंस्पेक्टर को फोन किया गया फिर हमें सदर भेज दिया गया जहा पर, पिता जी को 8 टाका लगा इस तरह हम घर वाले पूरी तरह बर्बाद हो गए थे, पुलिस हमें इंजोरी काट कर नहीं दिया था, उसी दिन शाम को इंस्पेक्टर साहब हमें और मेरे पुरे परिवार को सदर में बोले की आपलोग डोमचांच थाना आइये, हमलोग आने के हालत में नहीं थे फिर भी हिम्मत कर के डोमचांच थाना आये जहा पर नवलशाही थाना के बड़ा बाबु और विजय सिंह पुलिस भी था वहा पर हमसे पूछ ताछ किया गया, हम पूरा घटना बताये पुलिस बोला की आपके साथ बड़ा गलत हुआ जिसके बाद पुलिस हमसे आवेदन लिख कर माँगा, हम बोले सर हम अभी लिखने नहीं जानते है आप हमें वक्त दीजिए हम लिख कर देंगे, परन्तु इंस्पेक्टर मेरे ऊपर जबरन दबाव बना कर हमसे थाना में आवेदन लिखवाया, हम फिर भी बोले सर किसी मुंसी से लिखवा दीजिए हम तो सारा चीज बता रहे है परन्तु पुलिस इसके लिए तैयार नहीं हुआ, जिसके बाद एक रफ पेपर पर मुंसी चार लाइन लिख कर दिया जिसे देख कर मेरा भाई बिरेन्द्र साव उतार कर दे दिया, वह भी बोला की हम नहीं लिख पाएंगे परन्तु उसे भी जबरन पुलिस अपने सामने ही बैठ कर उसी तरह लिखवाया जिस तरह वह लिख कर दिया था, मेरा भाई लिख कर दे दिया, उस समाया हमें लग रहा था की हमें कब इंसाफ मिलेगा ? हम तो उसे बस पूछने गए थे परन्तु वह मेरे ऊपर हमला कर दिया, हमें लग रहा था की घर का पडोसी ऐसा कैसे कर सकता है हम यही सब सोच कर परेशान हो रहे थे, सदर अस्पताल में 8 दिनों तक भर्ती रहे उस समाय मेरे ससुराल के लोग हमें मदद कर रहे थे, इलाज के बाद हमें और मेरे परिवार वालो को छुटी मिला, जिसके बाद हम थाना गया तो थाना में हमसे गवाह माँगा गया हम गवाह दिए फिर भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की बाद में हमें पता चला की मेरे ऊपर भी चोरी का केस दर्ज हो गया है, और उन लोगो में किसी की गिरफ़्तारी भी नहीं हुई हम पुलिस को पूछे की सर उन लोगो का गिरफ़्तारी क्यों नहीं हुआ तो पुलिस बोला की तुम गिरफ्तारी में क्यों पड़े हो पहले अपना बेल करवाओ उसके बाद कार्यवाही होगीI जिसके बाद हम थाना से निराश हो कर घर चले आये, मेर पत्नी आज भी चल फिर नहीं पा रही है, घर में कोई काम नहीं हो रहा है, घर का खाना भी दुसरे घर से हमें मिल रहा है, और मेरे खिलाफ पुरे गाँव में यह प्रचार किया जा रहा है की उसको बोलो जमीन छोड़ देगा नहीं तो एक बार माथा फाड़ कर मारे है अबर तो खत्म ही कर देंगे, देखेंगे कौन क्या करेगा? इतना मारे तो अन्दर नहीं गए अब कैसे जायेंगे मेरा कुछ नहीं होगा ?अब हमें समझ में नहीं आ रहा की कहा इंसाफ मांगे और कहा फरियाद करे इस घटना की जानकारी कोडरमा पुलिस अधीक्षक मुख्यमंत्री और अन्य आला अधिकारियो को भी दिए परन्तु कही से कुछ नहीं हुआ है हम और मेरा पूरा परिवार डरे हुए है हमें लग रहा है की हम गाँव छोड़ दे क्योकि पुलिस भी मेरा नहीं सुनता है |

 हम चाहते है की मेरे मामले में न्यायिक कार्यवाही हो और पुलिस दोषियों पर कार्यवाही करे!







Monday, 14 June 2021

There is no need to application in case of murder, we will do everything by the police

My name is Jagdish Yadav age - 58 years, father Late Hardayal Yadav Village - Buchai, Post - Kapka, Thana - Barkattha, District - Hazaribagh I am a native of Jharkhand, I am doing farming to support my family and children.

 

Two years ago my son Santosh had bought a car for two lakh sixty thousand rupees from Prakash Yadav son Shri Etwari Yadav Nivasi Village Ghorbandha Panchayat Salaidih Police Station- Chalakusa District Hazaribagh Boloro, in exchange for which he had given fifty thousand rupees and to pay the rest of the money later. Resignation was done but after three days my son returned the car because he did not like the car.

 

My son gave the car back to him after three days and said we do not like the car, Prakash returned thirty thousand rupees immediately and asked to give twenty thousand rupees later, my son kept asking for money again and again but Prakash Yadav returned not given

 

On 5th April 2020 at 6 o'clock in the evening, my son went to Prakash Yadav's house to ask for money on his motorcycle, where both of them were heard, after which Prakash Yadav killed my son a lot by tying him with a rope to an electric pole. There was a lot of crowd due to the scream of the son.

 

After a while, in front of the village headman and other dignitaries, agreeing that on April 15, 2020, the panchayat will be done, you will get the money. After listening to those people, my son came back.

 

On 12 April 2020, on Santosh's mobile number 9262789788] 6205184557, at around 9 to 10 in the morning, Balo Singh Age - about 30 years, Father - Karu Singh alias Ramesh Singh, and Saryu Singh (Parachner) Age - about 35 years Father Jorbali Singh Village Khaira Panchayat Tuiyo Thana Barkatha called today for cock party. After hanging up the phone, Santosh went away.

 

 

We searched a lot till evening but could not find any satisfaction anywhere. His mobile was also turning off. We found out by calling his friend Umesh Yadav, father Bhuneshwar Yadav, village Chandgarh Panchayat, Bedokla police station, Barkatha district, Hazaribagh, and came to know that after taking 4 bottles of liquor from him, he went to Balo Singh's place. After which we went to ask Balo Singh also, he accepted that yes he had come to my place. There is no information after that. We also called the police station and gave information, but the police station also told that there is no information about Santosh.

 

On April 13, 2020, at 10 o'clock, Khaira village resident Saryu Singh informed the village chief Dashrath Yadav that Santosh's body was lying in the forest. As soon as he got the news, he came running. Santosh's body was taken into custody by the police and his car was also recovered.

 

When the police brought the dead body home after conducting a post-mortem. Police are interrogating us only after the delivery. A mountain of trouble had fallen on me at this time. Were tired of searching the son since yesterday morning. We all had lost our senses by crying. When the police saw that we were not able to tell anything, then she left.

 

After performing the last rites of the son, we went to the police station after taking the application on the second day. The police present there refused to take the application for the FIR, saying that there is no need for the application. We will do everything My soul is torn by this behavior of the police. My heart is saying that the police has bowed down in front of that mafia Prakash Yadav. He is being called Ji Hujuri. What happened after that, we do not know anything, now I have nothing left except to cry for the rest of my life.

 

I want that justice should be given to us by taking legal action against the guilty police personnel in this case.

I was under mental stress for a week due to the beating of the police.

 

My name is Pawan Kumar, age 30 years, (Divyang) father Late Harilal Modi, I am a resident of village Khuta, Post-Khuta, Thana- Satgaon, District- Koderma, Jharkhand. I am physically handicapped and unable to move. If I have to go anywhere in my house, then my family members and nearby people take us to take them. If we have to go far, we go by tricycle.
 
My incident is that a boy had a road accident in the neighborhood of my house as we heard that Raja Kumar who had a road accident could have been saved. But due to the negligence of the doctors here, he lost his life. Many people in my village were very angry about this. Medicine in every fifth house of my village house. He had only one son who was very promising and used to listen and do everything in the village house. But that too is no more. The whole village was immersed in grief due to this incident. Then a few people of the village sat on the road on 18th June for the Gharna demonstration. About 50 to 60 people were sitting on the road making social distance. All this was happening in front of my house and I was watching. We felt that people are going to make some changes today. There will be some effect of their household.
 
After some time, this protest demonstration slowly started taking the form of a crowd, the police was also present here and people were shouting slogans, it was only a matter of time that a large number of people gathered and the round of slogans became very fast. Slogans were being given that "Remove Chandramohan, save Satgaon", stop Geeta clinic, stop looting in the name of health etc. Slogans were going on. I had work in Satgaon market so I went to Basodih on my tricycle before that crowd. People were coming back and forth. I thought these people would make some changes today, the anger of the people was strong and the slogan was also loud. At that time I was doing my work in Satgaon market, the crowd was moving forward. I was watching from afar Then we came to know that some people are pelting stones on the hospital. Then I felt that something wrong would happen. I started watching for some time, then suddenly the police reached to us. After which we could tell something to the policeman that the police started pelting sticks on me too.
 
Didn't even tell us anything and beat me to inflate my body. I kept begging them a lot that I am Divyank. Why are they killing us but they did not listen to me and we were beaten up. I was tormented by pain. I had injuries in parts of my body that were more complex and break places. I was not able to bear the pain now, so immediately went to the doctor and got myself treated there, after the treatment, I came to my home. In the house, I kept crying with pain, we felt again and again that why the police killed us, we had not done any mistake then why did the CRPF jawan kill us. We were feeling guilty from inside. We were very upset. I was under mental stress for a week, people used to respect me a lot. I am fed up with so many thoughts of how I will go in front of him.
 
I feel very at peace to tell you all this. We feel that we will get justice now. All we say is that the police who have beaten us should take judicial action on that matter and we should get justice.