मै कक्षा सात तक की पढाई किया हु और मै जेवर बनाने का कारीगरी करता हु
मै गरीब परिवार से हूँ मेरे पिता जी बचपन में ही स्वर्गवासहो गए हमें पिता का
प्यार नहीं मिला, जो कुछ है मेरी माँ ही सब कुछ है|
मेरी घटना यह है कि 17 अप्रैल 2023 को सुबह मेरी माँ के साथ गाँव के
पडोसी पूजा देवी इत्यादि मार पिट कर दिए जब मै इस घटना की छान बीन करने लगा तब पता
चला तो मेरा भतीजा टिकू स्वर्णकार और पूजा देवी के बिच गाली गलौज हुआ| जो आपसी घर
का मामला था इस मामले में पूजा देवी पति किशन स्वर्णकार निवासी बीघा नवलशाही थाना
में जा कर आवेदन दी जिसके बाद नवलशाही पुलिस 17 अप्रैल 2023 को दिन के 2 बजे चार
पुलिस वाले गाडी से मेरे घर पर आये, और हमें और टिंकू स्वर्णकार को उठा कर ले गई|
हमें ले जाते समय किसी से कोई हस्ताक्षर नहीं करवाया, मै पुलिस को बोलता रहा की
मेरा कोई दोष नहीं है आप हमें क्यों ले जा रहे है? थाना ला कर हमें बैठा दिए, कुछ
देर बाद पूजा देवी थाना आई वह थाना में बताई की सकलदेव का कोई दोष नहीं है, इसे
क्यों ले आये? हमने आवेदन में इसका नाम भी नहीं दिए है| थाना में दोनों पक्ष टिंकू
स्वर्णकार और पूजा देवी के बिच आपसी समझौता हो गया, चुकी दोनों पड़ोस के थे| समझौता
होने के बाद शाम को 5 बजे हम थाना से निकल रहे थे तभी थाना प्रभारी अपने
केबिन से निकल कर आये और हाँथ से मेरे मुंह पर आठ दस थप्पड़ मार दिया, मारने के साथ
साथ गन्दा गन्दा गाली देते रहे वही मेरी माँ, मेरा भाई, मेरी पत्नी, मेरे जीजा
मेरी भाभी, सभी सामने खड़े यह सब देख रहे थे, इतना मारने के बाद थाना प्रभारी अनिल
सिंह प्लास्टिक रूल का डंडा मंगवाया और डंडा से बेरहमी से खुले मैदान में ही पचास
से अधिक लाठी मारा, भयानक गर्मी और लाठियों के मार से मै रोता चिल्लाता बेहोश हो
गया, यह सब देख कर मेरी माँ रोने लगी मेरी पत्नी रोने चिल्लाने लगी, सबके आँख लाल
हो गए, परन्तु थाना प्रभारी के सामने कोई नहीं आया और वह हमें बेहोश होने पर भी
भूखे जानवर की तरह मरता रहा, जब वह थक गया तब हमें छोड़ दिया, जिसके बाद मेरी माँ
दौड़ कर हमें अपने गोद में उठाई, और मेरी पत्नी होंश में लाने के लिए मेरा पैर
रगड़ने लगी, तभी थाना के चौकीदार ने पानी ला कर मेरे मुंह पर डाला जिसके बाद हमें
होंस आया , मेरा पूरा बदन लाल हो गया था जहाँ भी लाठी पड़ा लाल बम्बू उखड गया था,
मुझे बहुत जोर से गुस्सा आ रहा था परन्तु मै चाह कर कुछ भी नहीं कर सका| मुझे लग
रहा था मेरा कोई गलती नहीं और पुलिस हमें क्यों मारी मुझे लग रहा था की मै
आत्महत्या कर लू परन्तु माँ पत्नी का चेहरा सामने आ गया उसे देख कर जीने को जी
चाहा| मेरे घर वाले वहा से उठा कर हमें तुरंत डोमचांच रेफरल हॉस्पिटल ले
आये, जहा पर मेरा इलाज हुआ, रेफरल अस्पताल ने मेरी गंभीर स्थिति को देखते हुए सदर
अस्पताल कोडरमा भेज दिया, जहा पर मेरा इलाज चला जिसके बाद हमें दुसरे दिन छुट्टी
दे दिया| मार के निशान
इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक कोडरमा को हमने आवेदन दे कर बताया की
नवलशाही थाना की पुलिस ने हमारे साथ यह सब किया है| परन्तु पुलिस ने इस मामले पर
कोई क़ानूनी कार्यवाही नहीं किया है| वही इस पुरे घटना से पुलिस उपमहानिरीक्षक
हजारीबाग को भी अवगत कराया वहा से भी कोई कार्यवाही नहीं हुआ है|
मै चाहता हु की इस दरिन्दे पुलिस वाले पर क़ानूनी कार्यवाही हो और हमें
इन्साफ मिले इसे किसी के बेटे का दर्द और किसी के पति का दर्द समझ में नहीं आता है
ये पुलिस है या जानवर हमें कुछ समझ नहीं आया है|
हमें बस इन्साफ चाहिए और जिस पुलिस वाले ने हमारे साथ गलत किया है उस
पर क़ानूनी कार्यवाही|
पीड़ित का हस्ताक्षर
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