मै शोभा देवी उम्र 35 पति स्व0 अनिल मिश्रा ग्राम नयाटांड पोस्ट कोडरमा थाना कोडरमा जिला झारखण्ड की मूल निवासी हू। मै और मेरा परिवार खुला मैदान मे तम्बू (प्लास्टिक का झोपडी) बना कर रहते है। और गुजर बसर के लिए चुडी, और मनिहारी सामान गाॅव गाॅव जा कर बेचते है। मै और मेरा परिवार पिछले 40 साालों से कोडरमा में रह कर यह काम कर रहे है।
मेरे साथ घटना यह घटी कि 26 नवम्बर की षाम 3 बजे मेरी बेटी उमा (काल्पनिक नाम ) उम्र 13 वर्ष चुडी बेच कर आ रही थी। उसके रास्ते मे पहले से ताक लगाये बैठे छोटू उर्फ कोका पिता नन्हका मियाॅ ग्राम जलवाबाद हेठ टोला वार्ड नम्बर 11 का था जो मेरी बेटी को छेडने की कोशिश किया और अपषब्द बोले तो मेरी बेटी जल्दी से भाग कर आई और हमको कह सुनाई। हम गरिब लोग कुछ बोलने नही गये। कुछ देर बाद 6 बजे षाम को मेरी बेटी टट्टी षौच कार्य के लिए गई तो उस लडके ने झाडी से निकल कर उसको जोर से पकड लिया और उसके बदन के कपडे फाड कर उसे पटक दिया वो जोर से चिल्लाई उसका आवाज सुन कर हम और मेरे आस पडोस के लोग तुरंत दौड कर वहाॅ गये तो उस लडके के साथ हाथा पाई हो गया। उस लडके ने और लोगों को बुला लिया उसके बाद उन लागों ने हमलोगों को पटक पटक कर बहुत मारा मै खुब चिल्ला रही थी कोई बचाने वाला नही था लोग खडा हो कर देख रहे थे। अषोक मिश्रा उर्फ बिठला ने धारदार हथियार से मेरे माथा पर मारा जिससे मेरा माथा फट कर पुरा जोर से खुन बाहर आने लगा हम धबरा गये हमे लगने लगा कि अब हम नही बचेगें। मेरी बेटी मनिषा हमको देख कर जोर जोर से चिल्ला चिल्ला कर रोने लगी। फिर हम थाना गये तो थाने वाले पुलिस ने यह कह कर भगा दिया कि ये लोग खुद मार पीट कर थाना चले आते है। जैसे बाबा का दरबार है। कुछ नही हुआ है ये लोग झुठ बोल रहे है। हम बोलते रहे कि सर लडका लोग मेरी बेटी को छेडा और रेप करने की कोषिष की पर किसी ने मेरी एक नही सुनी। अंत मे निराष हो कर लौट रहे थे रास्ते मे निरा दीदी का घर दिखा तो वहाॅ मिलना चाहे पर वो नही थी फिर फोन पर बात हुआ तो उसके आदमी हमको थाना ले कर गये और केस करवा दिये। पर वो लोग थ्या लिखा क्या नही हमको कुछ पता नही। वो लडका लोग को पुलिस ले कर थाना आया था फिर मेरे साथ मे ही वो लोग को भी छोड दिया। दुसरे दिन वो लोग 8 से 10 लोग आये और मेरे साथ साथ और भी मेरे जैसे जितने रहने वाले थे सभी का झोपडी लाठी डंटा और टाॅगी से तोड फोड कर उजाड दिये कुल चार परिवार के 18 लागों को उन लोगों ने बेघर कर दिया हम लोग उन लागों के पैर पकडे कि हमें यहाॅ से नही भगाईये पर उनलागों ने बोला कि हमारे महलले मे रह कर हमारे लडके लोगों को बदनाम करेगी भागो यहाॅ से। अंत में हमलागों को भागना पडा। अभी वहाॅ से कुछ दूरी पर रह रहे है। पर वो लोग मार परट करने की घमकी देता है। और पुलिस मेरी बेटी के साथ हुए छेड छाड और मार पीट पर कोर्द कार्य वाही नही कर रही है।
हमलागों का डर से बुरा हाल है। कि कब जाने वो लोग क्या कर देगे? हम चाहते है। कि पुलिस मेरे मामले मे जाॅच पडताल कर के दोषियों के उपर कडी कार्यवाही कर हमें न्याय दे। क्या हमलोगांे के लिए कानून नही बना है। जो पुलिस इस तरह हमे थाना से भगा देती है। एैसे पुलिस वाले पर भी कानून कार्यवाही करे ताकि आाने वाले किसी गरीब को थाने मे ईज्जत से बात करे और उसके दर्द को पुलिस समझे। इसके सिवा हमको कुछ नही चाहिए।
आप लोग मेरी बात सुन रहे है। हमें लग रहा है कि अब हमें न्याय मिलेगा। ईस तरह किसी ने मेरी बात नही सुनी अगर पुलिस वाले सुनते तो हमें कब का न्याय मिल जाता।
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